मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव।
VINOD KUMAR SINGH
विमल कुमार कुशवाहा, रविकांत पनिका।
मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को 23,400 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने और दो सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है.
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम आदेश जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) को पंचायत चुनाव कराने का आदेश देते हुए इस संबंध में 2 हफ्तों के अंदर अधिसूचना जारी करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को 23,400 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने और दो सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. यह स्पष्ट करता है कि ओबीसी आरक्षण प्रदान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य की ओर से ट्रिपल टेस्ट औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं.
ट्रिपल टेस्ट पर कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सरकार और चुनाव आयोग स्थानीय निकायों के लिए डी-लिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करने और ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट मानदंड को पूरा किए बगैर चुनाव स्थगित नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पांच साल के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराना सभी अधिकारियों का संवैधानिक दायित्व है.
फिलहाल सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण रहेगा
SC का निर्देश है कि यह आदेश न केवल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के राज्य और चुनाव आयोग तक सीमित है, बल्कि शेष राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों पर भी लागू होगा. ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता. फिलहाल सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण रहेगा. प्रो ओबीसी पार्टियां सामान्य श्रेणी की सीटों के लिए ओबीसी उम्मीदवारों को नामित करने के लिए स्वतंत्र हैं.
अन्य राज्यों का हाल
झारखंड में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए 16 जिलों में कुल 29,347 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे हैं जिसके लिए 19 मई को मतदान कराया जायेगा. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि राज्य में पहले चरण के लिए 21 जिलों में कुल 39,513 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था जिसके लिए मतदान 14 मई को निर्धारित है.
उन्होंने बताया कि दोनों चरणों को मिलाकर राज्य में पंचायत चुनावों के लिए अब तक कुल 68 हजार 860 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. वहीं हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने सोमवार को कहा था कि अगर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से निकाय चुनाव को लेकर अनुमति मिल जाती है तो तत्काल कार्यक्रम जारी करके एक महीने में चुनाव करवा दिए जाएंगे