VINOD KUMAR SINGH
विमल कुमार कुशवाहा
BHARAT KI AWAAZ- NEWS - बड़वानी। धरती के सबसे बड़े जीव कहे जाने वाले डायनासोर बहुत पहले ही धरती से विलुप्त हो चुके हैं. अभी भी उनके कहीं न कहीं उनके जीवाश्म मिल जाते हैं. इसी कड़ी में बड़वानी के जंगल में अंडाकार 10 चट्टानें मिली हैं. पुरातत्वविद ने दावा किया है कि यह डायनासोर के अंडे हैं. यह अंडे एक करोड़ साल पुराने हो सकते हैं. मामला जिले में सेंधवा विकासखंड की वरला तहसील का है. अंडाकार चट्टानें मिलने के बाद से कोतुहल का विषय बना हुआ है।
इंदौर के संग्रहालय में रखा जाएगा
पुरातत्वविद डॉ. डीपी पांडे सेंधवा ने 30 जनवरी से प्राचीन प्रतिमाओं, किले आदि का सर्वे शुरू किया था. पांच फरवरी को वह वन विभाग के अमले के साथ वरला तहसील के हिंगवा गांव के नजदीक जंगल में पहुंचे. जहां उनकी नजर ठोस मटेरियल पर पड़ी. जांच में पता चला कि ये डायनासोर के अंडे हैं. जिनमें एक अंडे का वजन 40 किलो और बाकी का 25 किलो तक है. इन अंड़ों को इंदौर के संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा.
दो साल पहले मिला था अंडा
सेंधवा रेंज में दो साल पहले वनरक्षक बद्रीलाल तरौले की पोस्टिंग हुई थी. सबसे पहले उन्होंने इसे देखा था. उनका कहना है कि यह मटेरियल देखते ही अहसास हो गया था कि ये डायनासोर के जीवाश्म हो सकते हैं. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी. एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया कि उस क्षेत्र को संरक्षित करने के आदेश दिए हैं. जांच के बाद और कई राज सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि यहां फॉसिल पार्क बनाने की योजना भी चल रही है.
25 से 40 किलो तक है वजनी हैं अंडे
धार जिले में मिले थे घोसले
इससे पहले 2007 में धार जिले में डायनासोर के 25 घोंसले मिले थे, जिसमें बड़ी संख्या में जीवाश्म थे. ये घोंसले करीब साढ़े छह करोड़ साल पुराने हैं. जीवाश्म को मांडू में बने फॉसिल पार्क में रखा गया है. घोंसले मिलने के बाद से मध्यप्रदेश सरकार धार जिले में उस क्षेत्र को डायनोसोर जीवाश्म उद्यान के रूप में विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है।